Tuesday 16 July 2013

सुप्रीम कोर्ट : मुबंई सहित पूरे महाराष्ट्र में खुलेंगे डांस बार

सुप्रीम कोर्ट पूरे महाराष्ट्र में डांस बार को फिर से खोलने की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए डांस बार को फिर से खोलने की मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि साल 2005 में महाराष्ट्र सरकार ने डांस बार पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से डांस बार खुलने का रास्ता साफ हो गया है। अगस्त 2005 में डांस बार पर सरकार ने पाबंदी लगा दी थी।
महाराष्ट्र के तात्कालीन उप मुख्यमंत्री आर. आर. पाटिल ने राज्य के सभी डांस बारों पर पाबंदी लगा दी थी। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सरकारी पाबंदी को निरस्त कर दिया था, लेकिन उस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर आज फैसला सुप्रीम कोर्ट सुनाया। पाटिल ने राज्य के सभी होटलों, बीयर बार और परमिट रूम में डांस पर पाबंदी लगा दी थी।
पाटिल की दलील थी कि डांस बार के लिए लड़कियों की तस्करी की जाती है। डांस बार के मालिक लड़कियों का आर्थिक और शारीरिक शोषण करते हैं। इससे देह व्यापार को बढ़ावा मिलता है। डांस बार पर पाबंदी लगाने के राज्य सरकार के फैसले के बाद डांस बार में काम करने वाली हजारों महिलाएं और कर्मचारी बेरोजगार हो गए थे। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। 12 अप्रैल 2006 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बार डांसरों के हक में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले को गैरकानूनी ठहराते हुए कहा कि इस फैसले से संविधान के अनुच्छेद 14 और 19-1 (G) का उल्लंघन होता है। इस तरह की पाबंदी, होटल मालिकों और डांसरों के व्यवसाय करने की आजादी को रोकता है जो कि उनका मूलभूत अधिकार है।
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पाबंदी के बाद करीब 75 हजार बार बालाएं बेरोजगार हो गईं थीं। इंडियन होटेल एंड रेस्टुरेंट एसोसिएशन, के लीगल चेयरमैन अनिल गायकवाड के मुताबिक वो इस फैसले से बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे। डांस बार बंद होने से बार डांसर्स गलत कामों में जाने के लिए मजबूर हो गईं थीं।

मालूम हो कि पुरे महाराष्ट्र में 700 डांस बार है।

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